#ShameSuratPolice
सूरत पुलिस का बदसूरत चेहरा। पुलिस के भेष में गुंडा। गुजरात मॉडल की सच्चाई, महिला बैंक कर्मचारी से की हाथापाई, शर्म भी नही आई। ग्राहक सेवा के नाम पर बैंकर्स कितना कुछ झेलेंगे ? 3 महीने से बिना मैनेजर के केवल दो लोग ( 1 पुरुष असिस्टेन्ट मैनेजर और महिला क्लर्क ) कैनरा बैंक (e सिंडिकेट बैंक) सरौली शाखा सूरत को मैनेज कर रहे थे। ऐसे में कल एक ग्राहक घनश्याम भाई आया पासबुक अपडेट के लिए, पासबुक मशीन खराब होने की वजह से एससिस्टेन्ट मैनेजर ने ग्राहक को बैंक खाते का स्टेटेमेन्ट निकाल कर दिया , लेकिन 4 बजे के बाद वह ग्राहक अपने किसी रिश्तेदार सुभाष भाई पराग को साथ लाया और पासबुक अपडेट के लिए जोर देने लगा। एससिस्टेन्ट मैनेजर ने उन्हें विनम्रता से समझाया कि पासबुक मशीन खराब है, इस पर उस ग्राहक के रिश्तेदार ने बैंक कर्मियों के साथ गाली गलौज अभद्रता और बहसबाजी शुरू कर दी। जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग महिला कर्मचारी ने शुरू कर दी, ये देखकर सुभाष भाई जो कि गुजरात पुलिस विभाग से ताल्लुक रखता है ने अपना आपा खो दिया और उस बदतमीज ने कैश काउंटर का दरवाजा खोलकर महिला कर्मचारी को जोर से धक्का दिया। परिणाम स्वरूप वह जमीन पर गिर गई और उन्हें काफी चोट लगी। असिस्टटेंट मैनेजर के साथ भी उस बदमाश ने हाथापाई की।
ये पूरा वाक्या बेहद शर्मनाक है, पहले एक सरकारी विभाग पुलिस कर्मचारी बिना मास्क पहने बैंक के अंदर आया, एक पब्लिक सर्वेंट होकर इसने दूसरे ऑन ड्यूटी पब्लिक सर्वेंट बैंक महिला कर्मचारी पर हाथ उठाया, अभद्र टिपण्णी गाली गलौज किया। पूरा बैंकिंग वर्ग इसकी तीव्र भर्त्सना करता है। और ताजा अपडेट के अनुसार दोषी को गिरफ़्तार किया जा चुका है। पर इतना काफी नही है। उस बदतमीज को नौकरी से बर्खास्त की जानी चाहिए। इस तरह की घटना बैंक प्रबंधन की अपने शाखा में तैनात स्टाफ़स के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है। एससिस्टेन्ट मैनेजर के बार बार अनुरोध के बावजूद कोई ब्रांच मैनेजर नही दिया गया पिछले तीन महीने से, न बैंक शाखा में कोई सेक्युरिटी गार्ड दिया गया। बैंक प्रबंधन को अपने बिज़नेस टारगेट्स तो पूरे चाहिए लेकिन शाखा में तैनात स्टाफ की समस्याओं के प्रति कोई गंभीरता नही। जब तक ऐसी दो चार अप्रिय घटना नही घटती , बैंक प्रबंधन आंख मूंद कर बैठी रहती है। आजकल ग्राहकों दारा बैंक कर्मियों के साथ हाथापाई मारपीट की घटना बढ़ती ही जा रही है, इसका मुख्य कारण बैंक शाखाओ में बढ़ते ग्राहकों की संख्या और घटती स्टाफ की संख्या है। कम स्टाफ में बैंकर्स सभी ग्राहकों को पर्याप्त गुणवत्ता वाली सेवा नही दे पा रहे जिस वजह से अक्सर ग्राहक जो दूसरे सरकारी दफ्तरों में भीगी बिल्ली बन जाता हैं बैंक शाखा में आकर खुद को शेर समझता है और आजकल झगड़े के बाद अब बैंक कर्मियों के साथ हाथपाई पर भी उतर आया है। पर बैंक प्रबंधन कॉस्ट कटिंग के नाम पर न स्टाफ भर्ती करता है, न सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड नियुक्त करता है। ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों में ऐसी घटना बढ़ती ही जाएंगी अगर पर्याप्त भर्तियां न की गई. #ShameSuratPolice
https://youtu.be/8fxL33cIbUc